तीन साल में गैगस्ट़रों को 500 से अधिक पिस्टल बेचने वाला कुख्यात हथियार तस्कर स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस कर स्पेशल सेल ने पिछले तीन सालों में अपराधियों को पांच सौ से भी अधिक पिस्टल बेचने वाले एक ऐसे हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया है जिसके खरीदार दिल्ली- एनसीआर के साथ पश्चिमी यूपी और हरियाणा के गैंगस्टर थे।
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि दक्षिणी रेंज की स्पेशल सेल के एसीपी अतर सिंह की टीम ने भरतपुर के मेवात के रहने वाले हथियार तस्कर ईशाब (39) को गिरफ्तार कर हथियार तस्करी के एक बडे नेटवर्क में सेंध लगाई है। आरोपी ईशाब सेंधवा, खरगोन, धार और बुरहानपुर (एमपी) से हथियार खरीदकर दिल्ली एनसीआर में सप्लाई करता था। स्पेशल की टीमें हथियार तस्करों के ऐसे ही कई सिंडीकेट का पहले भी भंडाफोड़ करने में सफल रही है।
पिछले दो महीने से पुलिस इस हथियार तस्कर को पकडने की कोशिश में लगी थी। जिसके तहत स्पेशल सेल की दक्षिणी रेंज की टीम के एसआई संजीव और हैड कांस्टेबल आशमोह को एक विशेष जानकारी मिली थी कि 3 सितंबर को मेवात का कुख्यात हथियार तस्कर ईशाब अपने दिल्ली स्थित संपर्क को आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद की आपूर्ति देने के लिए मथुरा रोड पर मोदी फ्लाईओवर के पास शाम को आएगा। जिसके बाद निरीक्षक ईश्वर सिंह के नेतृत्व में एक छापेमारी दल में एसआई संजीव, रंजीत, एएसआई बी. बलराज, देवेन्द्र भाटी, हैड कांस्टेबल आश मोहम्मद, अमित, देवेंद्र डबास, नवीन, साजिद और सीटी शामिल हैं। मथुरा रोड जाल बिछा दिया। शाम करीब साढ़े पांच बजे एक संदिग्ध व्यक्ति अपने कंधे पर बैग लिए सरिता विहार की ओर से फ्लाईओवर पर आ रहा था। मुखबिर ने उसकी पहचान ईशाब के रूप में की। पुलिस को देखकर पहले वह भागा लेकिन बाद में जाल बिछाए खडी पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसकी तलाशी से मौके से उसके बैग से .32 की पंद्रह (15) सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद हुए। उसके खिलाफ स्पेशल सेल में आर्म्स अधिनियम, 2019 की धारा 25(8) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पूछताछ में आरोपी ईशाब ने खुलासा किया है कि उसे मप्र के कुख्यात अवैध हथियार निर्माता खरगोन से बरामद पिस्टल और कारतूस की सप्लाई मिली थी। वह पिछले 3-4 सालों से दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और यूपी वेस्ट में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की सप्लाई कर रहा है। करीब 3 साल पहले उसे पास के गांव के एक व्यक्ति ने उसके हथियारों की तस्करी के गिरोह में शामिल होने का लालच दिया था। शुरू में ईशाब ने लगभग 2 वर्षों तक उनके कूरियर के रूप में काम किया, लेकिन बाद में उन्होंने हथियारों की तस्करी का अपना नेटवर्क विकसित किया। वह एमपी से करीब एक लाख रुपये की पिस्टल लेता था। 10 से 12 हजार रूपए में वह इसे आगे सप्लाई कर देता था। उसके एजेंट इन्हीं हथियारों को 20 से 30 और 40 हजार तक में दिल्ली एनसीआर और आसपास के राज्यों यूपी और हरियाणा में गैंगस्टर और अपराधियों को बेचते थे। ईशाब से पूछताछ में पता चला है कि वह पिछले 3 साल में दिल्ली एनसीआर में 500 से ज्यादा अवैध पिस्तौले अपराधियों को बेच चुका है। पुलिस उसके सिंडिकेट से जुडे लोगों का पता लगाने की कोशिश में जुटी है।
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